एक कहानी: संघर्ष की चमक
रोहन का एक सपना था – वह बड़ा आदमी बने, अपने परिवार का नाम रोशन करे, और दुनिया को ये दिखाए कि यदि मेहनत की जाए, तो किसी भी हालात में सफलता मिल सकती है। परंतु उसके मन में डर और संकोच था। उसे यह लगता था कि क्या एक छोटे गाँव का लड़का बड़े शहरों में अपना नाम बना सकता है? क्या उसके पास वो क्षमता है, जो उसे अपने सपनों को साकार करने में मदद कर सके?
एक दिन, जब वह खेतों में काम कर रहा था, उसने देखा कि उसकी छोटी बहन अपनी किताबों के साथ बैठी है और पढ़ाई में खोई हुई है। रोहन ने सोचा, "क्या मेरी बहन भी मेरे जैसे सपने देखती है?" उस दिन उसने ठान लिया कि अब उसे अपनी जिंदगी को बदलने के लिए किसी भी हालात में संघर्ष करना होगा। लेकिन रास्ते में कई तरह की कठिनाइयाँ आईं।
रोहन ने गाँव के स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन शहर जाने के लिए पैसे नहीं थे। उसके पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं था। फिर भी उसने हार मानने के बजाय एक कड़ी योजना बनाई। उसने छोटे-छोटे कामों से पैसे इकट्ठे किए और कुछ महीनों बाद, अपने गाँव को छोड़कर शहर आ गया।
शहर में शुरुआत में बहुत संघर्ष था। न तो उसके पास अच्छा घर था, न ही दोस्त थे। लेकिन उसने कभी भी हार नहीं मानी। दिन-रात मेहनत करने के बाद, उसने एक छोटी सी नौकरी शुरू की। फिर, वहाँ से सीखा और अपने हुनर को निखारने की कोशिश की। उसने समझा कि जो भी काम वो करता है, उसे पूरे दिल से करना चाहिए।
कुछ महीनों बाद, उसकी मेहनत रंग लाई। उसने खुद को बेहतर बनाने के लिए कई कोर्स किए, और धीरे-धीरे एक बेहतर नौकरी मिल गई। आज वो एक सफल उद्यमी था, जिसके पास अपने खुद के व्यापार थे और जो अपने परिवार को भी खुश रखता था।
लेकिन इस सफलता के पीछे एक गहरी सच्चाई छिपी थी – वह कोई जादू नहीं था। उसने मेहनत की, धैर्य रखा और अपने लक्ष्य से एक कदम भी पीछे नहीं हटा।
तो आप भी अगर अपनी जिंदगी में किसी मोड़ पर महसूस कर रहे हैं कि आप हार चुके हैं या संघर्ष से थक चुके हैं, तो याद रखें – आप केवल अपने डर से हार सकते हैं, लेकिन अगर आप आगे बढ़ते रहेंगे, तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
सपने छोटे नहीं होते, लोग उन्हें छोटे समझते हैं।